धन रौ उपयोग
संस्कृत रा सुभाषित, हिन्दी री उक्तियां अर राजस्थानी री लोकोक्तियां रौ जनजीवन माथै मोकळो असर देखण ने मिले। राजस्थानी रौ कोई भासा सूं दुराव कोनी। राजस्थानी रौ सबद भंडार लूंठो अर लांठो है। इण स्तम्भ मांय संस्कृत री उक्ति रौ हिन्दी अर राजस्थानी अनुवाद आपरी निजर।
गर्वाय परपीड़ाय दुर्जनस्य धनं बलम्।
सज्जनस्य च दानाय रक्षणाय च ते सदा॥
हिन्दी भावार्थ - दुर्जन व्यक्ति का धन घमण्ड करने के लिए और बल दूसरों को पीड़ा पहुँचाने के लिए होता है और सज्जन का धन दान करने के लिए एवं बल निर्बलों की रक्षा करने के लिए होता है।
मायड़ भासा मांय अर्थाव .... दुष्ट मिनख रौ धन घमण्ड करण वास्ते अर बळ दूजां ने दुख देवण वास्ते हुए है अर सज्जन रौ धन दान करण वास्ते अर बळ निर्बळ कमजोर री रक्षा करण वास्ते हुए।
संस्कृत रा सुभाषित, हिन्दी री उक्तियां अर राजस्थानी री लोकोक्तियां रौ जनजीवन माथै मोकळो असर देखण ने मिले। राजस्थानी रौ कोई भासा सूं दुराव कोनी। राजस्थानी रौ सबद भंडार लूंठो अर लांठो है। इण स्तम्भ मांय संस्कृत री उक्ति रौ हिन्दी अर राजस्थानी अनुवाद आपरी निजर।
गर्वाय परपीड़ाय दुर्जनस्य धनं बलम्।
सज्जनस्य च दानाय रक्षणाय च ते सदा॥
हिन्दी भावार्थ - दुर्जन व्यक्ति का धन घमण्ड करने के लिए और बल दूसरों को पीड़ा पहुँचाने के लिए होता है और सज्जन का धन दान करने के लिए एवं बल निर्बलों की रक्षा करने के लिए होता है।
मायड़ भासा मांय अर्थाव .... दुष्ट मिनख रौ धन घमण्ड करण वास्ते अर बळ दूजां ने दुख देवण वास्ते हुए है अर सज्जन रौ धन दान करण वास्ते अर बळ निर्बळ कमजोर री रक्षा करण वास्ते हुए।
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