अबखाइयां राजस्थानी री
घर रा पूत कुंवारा डोले, पाड़ोस्यां के फेरा
राजस्थानी भासा री मानता खातर एके कांनी आपां आंदोलन करण री सोचां दूजै कांनी इण रै प्रचार सारू घर घर आ बात पुगती करणी चाहिजै क आपां रै पाखती पंजाब,गुजरात,बंगाल....राज्यां मांय 5% ही दूजा राज्यां रा लोग ही सरकारी नौकरी लाग सकै पण राजस्थान में तो 50% लोग दूजा राज्यां सूं बाहरी लोग नौकरी लागै। राजस्थान रै भासा री बाड़ कोनी, सूनो नोहरो बणग्यो राजस्थानी भासा री मानता रै बिना। एक उदाहरण ही घणो राजस्थान रा अजमेर रेलवे बोर्ड री भर्ती परीक्षा में मान्यता प्राप्त 24 भासावां में पेपर हुवै पण राजस्थानी में पेपर कोनी हुवै। इण सूं मोटी अबखाई कांई हुवेला क
10 लाख लोगां री भासा सिंधी नै तो इण परीक्षा सारू मान्यता है पण लगेटगे 14 करोड़ लोगां री मायड़ भासा राजस्थानी नै मान्यता कोनी। जागो राजस्थानी जागो। सोयोड़ा लोगां री भेंस पाडा लावे। कद जागेला राजस्थानी। साची कही है क राजस्थानी वास्ते घर रा पूत कुंवारा डोले, पाड़ोस्यां के फेरा। जागो अर काम पर लागो। जागो राजस्थानी जागो।
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ReplyDeleteझूठा स्याफा झूठी मूंछ
ReplyDeleteमायड़ भासा फेंकी पूंछ
विरथा थांरौ मिनख जमारौ
क्यूं आ जूणी सूनी हारौ
किण मायड़ रा पुत कुवास्यौ
किण विध कंठा उतरै गास्यौ
जद के मायड़ खावै खूंच
झूठा स्याफा झूठी मूंछ
सगळा जाणै सगळा भागौ
बिन भासा रजथानी नागौ
मानीताा रो झींड़ रोपद्यौ
नीं मानैं थैं बीनें लोपद्यौ
मेटौ खड़बा मेटौ घूंच
नींतर झूठा स्याफा मूंछ