रंग_राजस्थानी
हरि-रस
महागिङ पैठ महाजळ मज्झ,किता जुध कीध प्रिथव्विय कज्ज।
प्रिथव्विय जातिय रेस पयाळ,दढां ग्रहि राखिय दीनदयाळ।।22।।
कवि अर्थावे क... दीनों पर दया करनें वाले हे वाराह भगवान ! जब दैत्य लोग पृथ्वी को पाताल में ले जा रहे थे तब आपने वाराह अवतार धारण कर उसको अपने दाँतों के ऊपर धारण करके उसकी रक्षा की । इस प्रकार कई बार महासागर में घुस कर इस पृथ्वी की रक्षा के लिए दैत्यों से कितने ही बङे-बङे युद्ध किये ।
-प्रस्तुति सवाई सिंह महिया
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