ईसरा-परमेसरा
विसव्व वणाविय केतिक वार, ब्रहम्माय हाथ दियो वहवार।
आपोपिय इंछाय आप अलक्ख,लिया अवतार चुरासिय लक्ख।16।
प्रभो ! आपने अनेक बार विश्व की रचना की और प्रत्येक बार उसके उत्पत्तिक्रम का व्यवहार ब्रह्माजी को सौंप दिया और फिर आपने ही उसमें अपनी इच्छा से अलक्षित रूप द्वारा चौरासी लाख योनियों में अवतार धारण किये ।
प्रस्तुति--------सवाई सिंह महिया
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