अंग्रेजी नूंवी साल रै पेले दिन केई भाई लोग राजस्थानी सौरम ने चेत में नूवीं साल मनावण रौ सन्देस देती एक राजस्थानी रचना भेजी केई भाई लोग इण रचना में आप आपरो नांव जोड़ अर फेसबुक, वाट्सअप अर गूगळ मांय धड़ाधड़ पोस्ट कर दी। सगळा लोगां ने धन्यवाद क व्हे राजस्थानी में महेन्द्र सिंह खिड़िया री लिखी रचना भलां ही कॉपी कर आपरे नांव सूं फेसबुक माथै पेस्ट करी पण कम सूं कम मायड़ भासा में तो आप री बधाई दी। अर मायड़ भासा रा हेताळू भाई महेन्द्र जी ने घणा रंग क लोग उणा री रचना ने घणी पसन्द करी अर आप आपरो नांव जोड़ आगे चलाई।
पे'र पिछम रा पोतड़ा, मन में नहीं मलाल.
ओ कद होतो आपणौ, सज्जनां नूंवौ साल..
आया जद अंगरेजड़ा, चाल्या अबखी चाल.
गळै आपणै घालगा, सज्जनां नूंवौ साल..
पिछलग्गू पिछमाद रा चूक्या पुरखां चाल.
चाटौ होटल चाटणां सज्जनां नूंवै साल.
नादां अे समझै नहीं धाप र करै धमाल.
पछै दिवस पड़िया रहै सज्जनां नूंवै साल..
करनी सूं अरजी करूं, रखौ सबै खुशहाल.
मेन्दर मनासी चैत में, सज्जनां नूंवौ साल!
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