दीखत रा ही सोवणा रोहिड़े रा फूल।
बडेरां री आ केबत है क दुनिया में गुण री ही पूछ हुवे। गुण हीन लोगां वास्ते कहयो ग्यो है क दिखण रा फुटरा लोगां में लखण नीं हुए तो इयांका लोगां वास्ते ही आ केबत कही गई क दीखत रा ही सोवणा ज्यां रोहिड़े रा फूल। रोहिड़े रा फूल दिखण रा ही फुटरा लागे इण में खुशबु नीं हुवे।एड़ा लोगां रौ समाज में कोई उपयोग नीं हुय सके।
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