हिमत कीमत होय, बिन हिमत कीमत नही।
करे न आदर कोय,रद कागद ज्यूं राजिया॥
राजिया
इण सोरठा में कहयो है क आदमी रै जीवण में हिम्मत री ही पूछ हुवै। हिम्मत
सूं ही मनुष्य री पिछाण अर मूल्यांकन हुयां करै। पुरुषार्थ नीं करण वाळा
मनुष्य रौ समाज में कोई महत्व नहीं रहवे। हे राजिया ज्यूं रद्दी कागज रौ
कोई आदर नीं करे बिना हिम्मत रै आदमी री कोई पूछ कोनी करै।
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