राजस्थानी सौरम
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Tuesday, 3 October 2017
राजिया रा सोरठा
जिण तिण रौ मुख जोय,
निसचै दुख कहणौ नहीं।
काढ़ न दे वित कोय,
रियायां सूं राजिया।।
राजिया कहवै क हर कोई रै सांमी आप रौ दुखड़ो कहणो नहीं।जिण तिण रा मुण्डा सांमी देख र गरज कर रिपया मांगणै सूं कोई भी धन काढ़ र कोनी देवै।
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