काचरिया बिना किसो ब्याव अटके।
आ
केबत मामूली चीज बसत रै बिना बड़ो काम नीं रुकण वास्ते कही गई। खेती में
काचरा फसलां रै सागे यूं ही उग जायां करै। काचर बोर मतीरां ने साधारण फळ
मान्यो जावै। गांवां में लोक चावा हुयां पछे भी काचरा ने साधारण फळ मान अर
इण केबत में कहयो गयो क मामूली चीज वास्ते बड़ो काम नीं रुक सके।
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