राजस्थानी सौरम
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Friday, 27 October 2017
केबत
म्हें मंतर पढूं अर तूं सांप पकड़ण वास्ते बिल में हाथ घाल ।
बडेरा कहवे क केई आदमी अधिकार मिलयां घणो विनम्र हुवे अर ओछो अर छोटो आदमी घमण्ड सूं इतराय जावे। ज्यूं आम्बो तो फळयां सूं नीचो हुवे अर अरण्ड्यो जाणे अकास में ही चढ़ जावेला।
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