राजस्थानी सौरम
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Friday, 8 September 2017
बडेरां री सीख
राजा जोगी अगन जळ, इणकी उलटी रीत।
डरता रहजयो परसराम,थोडी पाळे प्रीत।।
कवि कहवे के राजा,जोगी,आग अर पाणी सूं डर अर रहणो चाहिजै इण सूं प्रीत पाळयोड़ी चोखी कोनी।
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