सही फरमायौ.....
🌹रंग राजस्थानी....🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹पांचा मीत, पचीसां ठाकर ,सोवां सग्गो सोई ।इतरा खातर मती बिगाङो,होणी हो सो होई ।। 【लोक साहित्य】पांच रुपयों के लिए मित्र , पच्चीस के लिए ठाकुर , सौ रुपयों के लिए समधी या रिश्तेदारों से नहीं बिगाङनी चाहिए ।सवाईसिंह महिया🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
सही फरमायौ.....
ReplyDelete🌹रंग राजस्थानी....
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पांचा मीत, पचीसां ठाकर ,
सोवां सग्गो सोई ।
इतरा खातर मती बिगाङो,
होणी हो सो होई ।। 【लोक साहित्य】
पांच रुपयों के लिए मित्र , पच्चीस के लिए ठाकुर , सौ रुपयों के लिए समधी या रिश्तेदारों से नहीं बिगाङनी चाहिए ।
सवाईसिंह महिया
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