राजस्थानी सौरम
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Sunday, 24 September 2017
राजिया रा सोरठा
मुख ऊपर मिठियास, घट मांही खोटा घड़े।
इसड़ा सूं इकलास, राखिजे नह राजिया।।
मुण्डा माथै मिठी बांतां करणिया अर मन में खोटी बातां राख अर घात करण वाळां सूं दोस्ती नीं राखणी चाहिजै। इयांनका लोगां सूं सावधान रहणो ही ठीक हुवै।
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