नीं लेणो टका में
हाथी
एक गांव में एक नामी
सेठ हा। सेठां रै जीवण में बीणज बौपार री बातां ही सार ही। सेठ सगळा काम
सोच समझ अर ही करता। एक दिन आपरे बेटा ने बिणज बौपार री बातां समझावै हा।
दुकान री पेढ़ी माथै बाप बेटा दोनूं बैठा हा। बाप बेटा ने बौपार अर दुनियादारी
री बातां समझावै हा क किंया बौपार में नफो कमावणों चाहिजै। किण तरहां
सूं काम करण सूं मुनाफो घणो हुवै। बाप-बेटो दुनियादारी री बातां करै हा।
बजार में एक जणों आवाज लगावंतो आयौ क ‘हाथी
ले ल्यो हाथी, एक टका में हाथी
ले ल्यो। एक टका में हाथी ले ले ल्यो।’बाप-बेटा
दोनूं देख्यो के एक आदमी सांचाणी हाथी लियां बाजार में जावै हो पण कोई
उणां सूं एक टका में हाथी मोल कोनी लेवै हो। आ देख’र बेटो
बाप सूं बोल्यो क एक टका में हाथी मोल लेवणों
चाहिजै। आपां क्यूं कोनी ओ हाथी मोल ले लेवां। इत्तो सस्तो हाथी तो आपांनै
पछै कोनी मिलै ला। आ सुण’र सेठ बोल्यो क हाथी सस्तो मिलण सूं लेवणों
कोनी। बेटो बोल्यो क लेवणों क्यूं कोनी। आपां इणने मूंगो बेच देवांला।
अर इण सूं मुनाफो ही मुनाफो कमावां ला। आखिर आपां रौ काम ही बौपार सूं
मुनाफो कमाणो। सेठ बोल्या नीं आपां ने हाथी कोनी लेवणों। बेटो नाराज हुंवतो
कहयौ क जद साफ ही फायदो दिखै जणां हाथी मोल क्यूं कोनी लेवो? सेठ बोल्या
क थने इणमें केई बातां सीखण में मिलैला। बेटो बोल्यो क कांई कोनी सीखण
में मिलै। म्हने तो ओ साफ दिखै क आप नफो करणी नीं जाणों। हाथी एक टका में
लेय’र
फायदा सूं दूजां ने पाछो बेच देंवाला। सेठ बोल्या नहीं हाथी आपां जद ही
मोल लेंवा ला जद हाथी आप रा मोल रै मुजब लाख टकां में ही मिलैला। अर आपां
लाख टका में ही हाथी मोल लेवां ला। बेटो रूसतो सेठ रो मूंडो देखण लागगो।
सेठ समझावंता बोल्या क सुण म्हारी बात। पैली बात तो आ है क म्हारी दुकान
री पेढ़ी जिनावर खरीदण बेचण री कोनी इण वास्ते कोरा मुनाफा ने देख’र म्हारी
साख माथै बट्टो कोनी लगाऊं। दूजी बात है क हाथी एक टका में तो मिल जासी
पण इणने सुबह शाम खावण वास्ते सौ टका चाहिजैला। एक टका रा हाथी माथै रोजीना
सौ टका रो खरचो नीं बांधणो। तीजी बात है क जै लोगां ने आ ठा पड़ैला क हाथी
सस्तो मोल लिया लेवण वाळो समझैला क इण हाथी में कीं कसर है। इण वास्ते
आपां ने सस्तो जाण हाथी मोल नीं लेवणों है। चौथी बात है क आपां री खिमता
लाख रिपियां रो हाथी लेवण री है जद एक टका रो हाथी खरीद लोगां रै सांमी
लाख टका री साख ने एक टका री क्यूं बणांवां। इण वास्ते ओ हाथी आंपानै कोनी
लेवणों। बेटो सेठ री बात समझयौ क हां अबै बताई न थां बौपार रा गुर री बातां।
इत्ती देर तो जिद री ही बात ही। थांरो जिद हाथी नीं लेवणों अर म्हारो
जिद हाथी लेवणों अबै समझ में आई क बिणज बौपार रा कीं उसूल हुयां करै।
बौपारी कोरो मोरो नफो कोनी देख्यां करै। आपरी साख री भी निंगे राखणी चाहिजै।
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