खळ गुळ अण सूंतायए एक भाव कर आदरै।
ते नगरी हूंताय रोही आछी राजिया।।
जका नगर में खळ अर गुड़ एक ही भाव तुलै। कवि राजिया कहवै है क नगरी हुंता भी उण सूं तो रहवण वास्तै रोही ही भली हुवै।
ते नगरी हूंताय रोही आछी राजिया।।
जका नगर में खळ अर गुड़ एक ही भाव तुलै। कवि राजिया कहवै है क नगरी हुंता भी उण सूं तो रहवण वास्तै रोही ही भली हुवै।
No comments:
Post a comment